भाव मिश्र sentence in Hindi
pronunciation: [ bhaav misher ]
"भाव मिश्र" meaning in HindiSentences
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- श्री भाव मिश्र लिखते हैं-अश्वगंधा निलशेष्मश्वित्र शोथक्षयापहा ।
- जगेश्वरी देवी नरहन स्टेट के वैद्य भाव मिश्र की बेटी थी।
- जगेश्वरी देवी नरहन स्टेट के वैद्य भाव मिश्र की बेटी थी।
- आचार्य भाव मिश्र ने जीवनीय गण केकाकोली द्रव्यों मे स्वीकार किया है.
- उसके बाद चक्रदत्त और भाव मिश्र ने इसे हृदयरोगों की अनुभूत औषधि माना।
- आचार्य भाव मिश्र कहते हैं:-र्इष्र्याभयक्रोध् समन्वितेन, लुब्धेन रुग् दैन्यनिपीड़ितेन।
- श्री भाव मिश्र कहते हैं-' श्यामा शुक्ला कृष्णा च तुलसी गुणैस्तुल्या प्रकीर्तित ।
- भाव मिश्र के अनुसार आँवला छदिंहर (एप्टीएमेटिक) तथा हिचकी रोकने वाला है ।
- उनके बाद चक्रदत्त व भाव मिश्र ने भी इसे हृदय रोगों की महौषधि माना ।
- आर्यभट्ट, वराहमिहिर, आजीवक, चाणक्य, भाव मिश्र आदि को मगधवासी अपना मानते हैं।
- आचार्य भाव मिश्र [1500-1600] रचित भाव प्रकाश निघंटु के अनुसार इसकी छाल का उपयोग वातानुलोमक एवं प्रतिदूषक होता है।
- आचार्य भाव मिश्र (१५००-१६००) रचित भाव प्रकाश निघंटु के अनुसार इसकी छाल का उपयोग वातानुलोमक एवं प्रतिदूषक होता है ।
- संजीवनी बूटी की तलाश में मैंने आयुर्वेद के एक प्रमुख ग्रंथ भाव मिश्र द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु तलाशा ।
- श्री भाव मिश्र के अनुसार गुडूची एक रसायन एवं शोधक है, जो जरा को कभी समीप नहीं आने देती ।
- भाव मिश्र ने 1550 ईसवी में शरीर विज्ञान पर ऐक विस्तरित ग्रन्थ लिखा जिस में रक्त संचार प्रणाली का पूर्ण विवरण दिया है।
- श्री भाव मिश्र के अनुसार वासा श्वांस हर, खाँसी का नाश करने वाली, कफ निवारक तथा ज्वर युक्त श्वांस व क्षय रोग को नष्ट करती है ।
- श्री भाव मिश्र गोक्षुर को मूत्राशय का शोधन करने वाला, अश्मरी भेदक बताते हैं व लिखते हैं कि पेट के समस्त रोगों की गोखरू सर्वश्रेष्ठ दवा है ।
- ग्रन्थ-रचनाकार चरक संहिता-चरक सुश्रुत संहिता-सुश्रुत अष्टांग हृदय-वाग्भट्ट वंगसेन-वंगसेन माधव निदान-मधवाचार्य भाव प्रकाश-भाव मिश्र इन ग्रन्थों के अतिरिक्त वैद्य विनोद, वैद्य मनोत्सव, भैषज्य रत्नावली, वैद्य जीवन आदि अन्य वैद्यकीय ग्रन्थ हैं।
- एक विशेष प्रकार का उपदंश जो फिरंग देश में बहुत अधिक प्रचलित था और जब भारतवर्ष में वे लोग आए तो उनके संपर्क से यहाँ भी गंध के समान वह फैलने लगा तो उस समय के वैद्यों ने, जिनमें भाव मिश्र प्रधान हैं, उसका नाम 'फिरंग रोग' रखा दिया।
- औषधि गुण:-प्राचीन आयुर्वेद शास्त्रियों में वागभट्ट ही ऐसे एकेले वैद्य थे जिन्होंने सबसे पहली बार इस औषधि के ह्रदय रोगों में उपयोगी होने की विवेचना की थी | उनके बाद चक्रदत और भाव मिश्र ने भी अर्जुन वृक्ष की छाल को ह्रदय रोगों की महौषधि स्वीकार किया | चक्रदत ने ऐसा माना है की घी, दूध या गुड़ जे सतग ही अर्जुन वृक्ष की छाल का चूर्ण, नियमित सेवन करता है, उसे हृदयरोग, जीर्ण ज्वर, रक्त पित जैसे रोग कभी नहीं सताता और वह चिरंजीवी होता है |
bhaav misher sentences in Hindi. What are the example sentences for भाव मिश्र? भाव मिश्र English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.